Nikki Murder Case: पुलिस ने निक्की के घर पर छापा मारा, पिता, भाई और बेटे से की पूछताछ; मोबाइल का गायब होना बना रहस्य।

मुख्य बिंदु

आरोपी के चचेरे भाई देवेंद्र ने बताया कि घटना के बाद से उन्हें निक्की का मोबाइल कहाँ है इसकी कोई जानकारी नहीं है। साथ ही, यह भी जांच की जानी चाहिए कि कंचन ने बैग में क्या भरकर घटना के बाद अपने साथ ले गई थी

ग्रेटर नोएडा के सिरसा गाँव में हुए निक्की हत्याकांड को लेकर रविवार को पुलिस रूपवास गाँव पहुँची। यहाँ निक्की के परिजनों से बयान लिए गए। पुलिस ने निक्की के पिता और भाई के अलग-अलग बयान दर्ज किए, साथ ही निक्की के पुत्र का बयान भी लिया।

निक्की के घर पर 10 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने दबिश दी।

ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में 21 अगस्त को निक्की को आग के हवाले कर दिया गया था, जिसके कारण उसकी दर्दनाक मौत हो गई। इस मामले में निक्की की बहन ने मृतका के पति विपिन, सास दया, ससुर सतवीर और जेठ रोहित समेत चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया। रविवार दोपहर करीब दो बजे रूपवास गांव में 10 से अधिक पुलिसकर्मी पहुंचे और निक्की के पिता से पूरी घटना की जानकारी लेने के साथ-साथ उनका बयान दर्ज किया।

जानिए पुलिस ने क्या-क्या सवाल किए

जांच के दौरान अधिकारियों ने सवाल किया कि निक्की को आग लगने और घायल होने के बाद आप कब पहुँचे थे। यह भी पूछा गया कि घायल निक्की को अस्पताल कौन लेकर गया था और वहाँ किसी ने कोई बयान दिया या नहीं। इसके बाद निक्की के भाई और पुत्र से भी घटनाक्रम की जानकारी ली गई। निक्की के पिता भिखारी सिंह ने बताया कि जब वे अस्पताल पहुँचे तो निक्की बोलने की स्थिति में नहीं थी और उसे परिवार के लोग ही लेकर आए थे। पुलिस ने सभी के बयानों की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई है। इससे पहले कंचन का बयान कासना कोतवाली में दर्ज किया गया था, जहाँ उनसे सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और घटना के समय के बारे में पूछा गया। पुलिस आगामी दिनों में महिला पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में कंचन से दोबारा बयान ले सकती है।

आरोपी के घरवालों ने कहा – बच्चे की देखरेख का अधिकार पाने हेतु अदालत जाएंगे।

विपिन के परिजन मोनू ने स्पष्ट किया कि घटना के बाद विपिन और उसका परिवार कहीं फरार नहीं हुए थे। परिवार के सदस्य ही उसे अस्पताल लेकर गए थे। पुलिस जांच के दौरान भी विपिन की जानकारी पुलिस को परिवार के लोगों ने ही दी थी। अस्पताल में सिलेंडर फटने की घटना के बारे में निक्की ने डॉक्टरों को बताया था। वहीं, कंचन ने विपिन और रोहित के बच्चों को घर से निकाल दिया है और अब वह अदालत के माध्यम से तीनों बच्चों की कस्टडी मांगेंगी।

कंचन बैग में सामान भरकर कहाँ और क्या ले गई?

आरोपी के चचेरे भाई देवेंद्र ने बताया कि घटना के बाद से निक्की का मोबाइल कहां है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उनका कहना है कि जांच यह भी होनी चाहिए कि कंचन घटना के बाद बैग में भरकर क्या ले गई थी। देवेंद्र ने बताया कि वह खुद निक्की को अस्पताल लेकर गए थे। मोबाइल के बारे में जानकारी केवल कंचन ही दे सकती है। अस्पताल में पहले विपिन के माता-पिता मौजूद थे और बाद में रोहित भी वहां पहुंचा। करीब दो घंटे इलाज के बाद निक्की को सफदरजंग अस्पताल एंबुलेंस से रेफर किया गया, जिसमें निक्की के पिता और आरोपी के पिता भी साथ थे। सफदरजंग पहुंचने पर निक्की को मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद विपिन के परिजन शव को सिरसा ले जाना चाहते थे, लेकिन निक्की के परिवार ने रूपवसा ले जाने पर ज़ोर दिया। आखिरकार गांव वालों और ससुराल पक्ष के दखल के बाद शव को सिरसा गांव लाया गया। वहीं निक्की के परिजनों ने विपिन के परिवार के आरोपों को बेबुनियाद बताया।

आरोपी के परिवार ने कहा कि इस मामले की जाँच सीबीआई से कराई जाए

सिरसा गांव के आरोपी विपिन के परिजन, ग्रामीण और रिश्तेदारों ने रविवार सुबह गांव में बैठक की। इसके बाद सभी लोग सुबह 11 बजे कासना कोतवाली पहुंचे और कोतवाली प्रभारी से मुलाकात कर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। परिजनों का कहना था कि घटना के समय विपिन, उसकी मां, पिता सतवीर और जेठ रोहित घर के बाहर मौजूद थे। रोहित तो सिरसा टोल प्लाजा पर ड्यूटी कर रहा था, जबकि विपिन दुकान के पास बैठा था। विपिन के माता-पिता भी घर के बाहर ही थे, ऐसे में उन पर आग लगाने का आरोप कैसे लगाया जा सकता है।

निक्की ने खुद कहा था, सिलेंडर से झुलसी है

निक्की ने गंभीर रूप से झुलसने के बाद अस्पताल में डॉक्टरों और नर्सों को दिए बयान में कहा था कि हादसा सिलेंडर फटने से हुआ। अंतिम संस्कार के दौरान विपिन के पिता भी मौजूद रहे और उन्होंने बताया कि उनके पास घटना से जुड़े कई वीडियो और सीसीटीवी फुटेज हैं। लेकिन निक्की के अंतिम संस्कार के बाद घटनाक्रम पूरी तरह बदल गया। आरोप है कि निक्की की बहन कंचन और उसके परिवार ने सच्चाई छिपाने की कोशिश की है। इसलिए निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया गया है।

जरूरत पड़ने पर बैठक आयोजित की जाएगी।

परिजनों का कहना है कि फिलहाल इस मामले को लेकर सिर्फ बैठक हुई है। यदि आवश्यकता पड़ी तो आगे पंचायत भी की जाएगी। उनका कहना है कि जरूरत पड़ी तो प्रदेश के मुख्यमंत्री, डीजीपी और पुलिस आयुक्त से भी संपर्क किया जाएगा। चूँकि वर्तमान में पुलिस जांच सही ढंग से चल रही है, इसलिए उन्हें जांच प्रक्रिया पर भरोसा है। हालांकि, यदि इस मामले की सीबीआई जांच हो तो यह और भी बेहतर होगा।

उम्मीद है कि इस सप्ताह के भीतर जमानत आवेदन दाखिल किया जाएगा।

जेल में बंद आरोपी विपिन को छुड़ाने के लिए उसके परिवारजन लगातार प्रयासरत हैं। मां दया, पिता सतवीर और भाई रोहित हर स्तर पर कोशिश कर रहे हैं। अधिवक्ता मनोज बोड़ाकी ने बताया कि पुलिस ने जब आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा, तब एक पर्चा दाखिल किया था। उसे प्राप्त करने के बाद जमानत की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। वकील का दावा है कि कई ठोस सबूत मौजूद हैं जिन्हें अदालत में रखकर जमानत के पक्ष में पेश किया जाएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ’s)

निक्की मर्डर केस में पुलिस ने घर पर छापेमारी क्यों की?

पुलिस मोबाइल फोन के गुम होने और केस से जुड़े अन्य सबूत जुटाने के लिए निक्की के घर पहुंची।

पुलिस ने निक्की के परिवार से किन-किन लोगों से पूछताछ की?

पुलिस ने निक्की के पिता, भाई और बेटे से कई सवाल किए और केस से जुड़ी जानकारी लेने की कोशिश की।

पूछताछ के दौरान पुलिस ने परिवार से किस प्रकार के सवाल किए?

पुलिस ने घटनाक्रम, निक्की के संपर्कों, मोबाइल फोन के इस्तेमाल और उसके गुम होने से जुड़े सवाल पूछे।

निक्की का मोबाइल फोन अब तक क्यों नहीं मिला?

मोबाइल का गुम होना अभी भी रहस्य बना हुआ है। पुलिस मानती है कि इसमें अहम सुराग छिपे हो सकते हैं और इसकी तलाश जारी है।

निक्की मर्डर केस की जांच में आगे क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

पुलिस डिजिटल सबूत, कॉल डिटेल्स और परिवार के बयानों को मिलाकर केस की गुत्थी सुलझाने पर काम कर रही है।

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