ऋषभ शेट्टी की नई फिल्म, ‘Kantara Chapter 1’ जिसे देखकर खड़े हो जाएंगे आपके रोंगटे, जानें क्यों है पैसा वसूल फिल्म?

ऋषभ शेट्टी की फिल्म ‘Kantara Chapter 1’ सिनेमाघरों में मज़ेदार धूम मचा रही है। यह फिल्म 2022 में आई ब्लॉकबस्टर कांतारा का प्रीक्वल है, जो दर्शकों को रहस्य, रोमांच और अनोखे सिनेमाई आनंद से भर देती है। कहानी की शुरुआत एक छोटे सीन से होती है, जहां बर्मे (ऋषभ शेट्टी) अपनी मां को व्यापार की अहमियत को बताता है। यह उसके समुदाय के लिए सिर्फ रोज़गार नहीं बल्कि सम्मान और पहचान का प्रतीक भी है।

बर्मे का अपने लोगों के हक़ के लिए लड़ने का फैसला ही फिल्म की रीढ़ की हडड़ी जैसा  है, जिसे ऋषभ शेट्टी ने भव्य रूप से पर्दे पर उतारा है। फिल्म का मुख्य फोकस एक बार फिर रहस्यमयी जंगल कांतारा और वहां के ‘ईश्वराना हूथोटा’ पर है, जिस पर कदंब वंश की नज़र है। पहले भाग में जहां ज़मींदार लालच में जमीन हथियाने की कोशिश करता है, वहीं इस बार यह मामला शाही परिवार की प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ है।

राजा दिव्य शक्ति द्वारा रोके जाने के बाद बदले की आग में सही मौके का इंतज़ार करता है। जब राजकुमार कुलशेखर Kantara पर कब्ज़ा करने की कोशिश करता है, तो उसके सामने बर्मे दीवार के रूप में आकर खड़ा हो जाता है। दोनों के बीच का टकराव बेहद मजेदार है—जहां कुलशेखर को आवेगशील दिखाया गया है, वहीं बर्मे हंसमुख लेकिन निडर योद्धा के रूप में नज़र आते हैं।

फिल्म में गंभीर सीन के बीच हल्के-फुल्के हास्य डालने की कोशिश भी की गई है, लेकिन शुरुआत में कई घटनाओं को जल्दबाज़ी में पेश करने की वजह से कुछ हिस्से बिखरे-बिखरे लगते हैं। हालांकि, शानदार एक्शन सीक्वेंस—खासतौर पर रथ से जुड़ा सीन —दर्शकों को थ्रिल से भर देता है। भले ही कुछ दृश्य कहानी को आगे बढ़ाने की बजाय प्रदर्शन करने जैसे लगें, लेकिन फिल्म का वर्ल्ड-बिल्डिंग इतना ताकतवर है कि यह कमी खटकती ही नहीं।

सेट्स, कॉस्ट्यूम और मेकअप आदिवासी जीवन को बड़े ही असली अंदाज़ में दर्शाते हैं। अरविंद कश्यप के भव्य शॉट्स फिल्म को युद्धगाथा जैसा अनुभव कराते हैं। वहीं सिंगर अजनीश लोकनाथ का ‘ब्रह्मकलाश’ गाना आदिवासियों और शाही परिवार के टकराव को ऊंचाई पर ले जाता है, जबकि ‘रिबेल’ गीत जंग का जोश को बढ़ा देता है।

ऋषभ शेट्टी का अभिनय फिर एक बार बेहद रोचक रहा है, खासकर देवी की शक्ति के प्रभाव को दिखाने वाले सीन्स में। वहीं रुक्मिणी वसंत ने अपने पहले बड़े रोल में शानदार संवाद अदायगी से ध्यान खींचा है । कहानी का अहम् संदेश आदिवासियों की जमीन और पहचान की लड़ाई पर है, लेकिन फिल्म की भव्यता में यह भाव कुछ दबा सा ही रह गया है। पैमाने ,मेहनत इतनी बड़ी है कि कमियां नज़रअंदाज़ की जा सकती हैं।

आपको 2022 की कांतारा अधिक मज़ेदार और रोचक लगी है तो समझ लीजिए कि यह प्रीक्वल उससे भी कई कदम आगे है। इस बार फिल्म आपको दैवों की शुरुआत की रहस्यमयी दुनिया में खींच ले जाती है, और शुरू से अंत तक दर्शक पलक झपकाए बिना ही इस जादुई दुनिया में खो जाते हैं।

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