उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए अनुदान राशि में बढ़ोतरी की है। अब तक इस योजना के तहत 20,000 रुपये का अनुदान मिलता था, जिसे बढ़ाकर 60,000 रुपये करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह कदम मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की राशि बढ़ाने के बाद उठाया गया है, जिससे पिछड़ा वर्ग के परिवारों को समान लाभ मिल सके।
योजना का उद्देश्य और पात्रता
यह योजना पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जाती है, जिसमें एक लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले परिवारों की बालिग बेटियों की शादी पर 20,000 रुपये का अनुदान दिया जाता है। अब इस राशि को बढ़ाकर 60,000 रुपये करने का प्रस्ताव है। आवेदन के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, जबकि निराश्रित या विधवा महिलाओं को वरीयता दी जाती है और उन्हें आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भी बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में भी हाल ही में राशि बढ़ाई गई है। पहले एक कन्या की शादी पर 51,000 रुपये खर्च होते थे, जिसमें से 35,000 रुपये सीधे वधू के खाते में जाते थे और 10,000 रुपये का सामान नवयुगलों को मिलता था। अब इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है, जिसमें से 60,000 रुपये सीधे खाते में भेजे जाते हैं और 25,000 रुपये का उपहार स्वरूप दिया जाता है।
भविष्य की योजना
पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नरेंद्र कश्यप ने बताया कि विभाग ने वर्ष 2047 तक 24 लाख बेटियों की शादी के लिए 14,400 करोड़ रुपये की सहायता देने का लक्ष्य रखा है। इससे पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।
इस पहल से OBC समुदाय के परिवारों को न केवल आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि उनकी बेटियों की शादी को लेकर सामाजिक सम्मान और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
यह योजना पिछड़ा वर्ग (OBC) के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी पर आर्थिक सहायता देने के लिए है।
पहले 20,000 रुपये दिया जाता था, जिसे अब बढ़ाकर 60,000 रुपये करने का प्रस्ताव है।
एक लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले OBC परिवार और उनकी बेटियां पात्र हैं।
आवेदक को आय प्रमाण पत्र और आवश्यक दस्तावेज जमा कर आवेदन करना होता है। विधवा या निराश्रित महिलाओं को वरीयता दी जाती है।
आर्थिक सहायता के साथ-साथ बेटियों की शादी में सामाजिक सम्मान बढ़ेगा और परिवारों की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा।